Wednesday, January 30, 2013

'हिंदी सराय - अस्त्राखान वाया येरेवान' - प्रोफ़ेसर पुरुषोत्तम अग्रवाल

पुरुषोत्तम अग्रवाल       जन्म: 25 अगस्त 1955 जन्म स्थान: ग्वालियर, मध्य प्रदेश, भारत जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में सत्रह वर्ष तक अध्यापक रहने के बाद वर्तमान में संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य हैं. वे संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य के तौर...

Sunday, January 27, 2013

मनीषा कुलश्रेष्ठ से एक आत्मीय मुलाकात में हुई बातचीत....

मनीषा कुलश्रेष्ठ        ________________________ 'कठपुतलियाँ' 'शालभंजिका' 'केयर ऑफ़ स्वात घाटी' ' बौनी होती परछाई ' , 'गन्धर्व-गाथा' शिगाफ' जैसे कहानी संग्रह , लघु उपन्यास और 'शिगाफ़' जैसे चर्चित उपन्यास से साहित्य...

Friday, January 25, 2013

कहानी - ताजमहल, चंद्रकांता

कहानी - ताजमहल      "प्रेम, छल,समझौता,कायरता, समर्पण और साहस के भाव-बांधों में गुंथी हमारी कहानी 'ताजमहल' .मन की टूटन से अंतरात्मा के उद्घोष तक की एक अनवरत यात्रा है 'ताज़महल' हममें से बहोतों के चिर-परिचित अनुभवों/चरित्रों...

Tuesday, January 22, 2013

नित्यानंद गायेन की कवितायें

नित्यानंद गायेन          20 अगस्त 1981 को पश्चिम बंगाल के बारुइपुर , दक्षिण चौबीस परगना के शिखरबाली गांव में जन्मे नित्यानंद गायेन की कवितायेँ और लेख सर्वनाम, कृतिओर ,समयांतर , हंस, जनसत्ता, अविराम ,दुनिया इनदिनों...

Tuesday, January 15, 2013

"अनुगूंज" कार्यक्रम में अंजू शर्मा द्वारा प्रस्तुत कविताएँ

अंजू शर्मा                अंजू शर्मा ने इधर हिन्दी कविता संसार में अपनी  ऐसी उपस्थिति दर्ज की है जिसे लगातार रेखांकित किया जा रहा है, एक कार्यकर्ता के रूप में वह 'डायलाग' , लिखावट’ आदि...

Friday, January 11, 2013

'इनकी भी सुनें ' कार्यक्रम की रिपोर्ट

ये घरों में साफ़ - सफाई और दूसरे कई तरह के घरेलू काम करतीं हैं,आमतौर पर हर रोज सुबह ऑफिस जाने वाले लोग सैर पर या एक्सरसाईज के लिए घर से बाहर जातें हैं उस समय ये अपने घर का काम ख़त्म करके इनके घरों में काम कर रहीं होतीं हैं, इनके खुद के बच्चे भी...

Tuesday, January 08, 2013

'एक समाधान कि प्रतीक्षा' भाग-चार , उपासना सैग

उपासना  सैग                   समाज बदल रहा है ... मानसिकता बदल रही है ... लेकिन दामीनी जैसी लड़कियों को स्वीकारने के सवाल पर लड़कों ने गोल-मोल जवाब क्यों दिए ...??  दामिनी ...

Saturday, January 05, 2013

'अनुगूँज ' कार्यक्रम में वंदना ग्रोवर द्वारा प्रस्तुत कविताएँ

 वंदना ग्रोवर       उर्दू शायरा कवयित्री हिंदी और पंजाबी में लिखी वंदना ग्रोवर जी की कविताएँ सहजता और सादगी से भरपूर हैं, इनकी कविताओं में शब्दों के स्वर बहुत धीमें और खूबसूरत होतें हैं ,  फर्गुदिया द्वारा आयोजित...

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