Monday, August 06, 2012

चेतना की 'मशाल' रोशन करती उमा गुप्ता

उमा गुप्ता

सहायक प्रोफ़ेसर

इन्द्रप्रस्थ कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय

(अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला संगठन जी कार्यकारिणी की सदस्या)


नारी स्वातंत्र्य पर बात करते हुए उमा जी ने कहा कि स्त्रियों को अपने अधिकारों के लिए सजग होना होगा. इसमें सम्पत्ति का अधिकार शामिल है. नारी की सुरक्षा को लेकर बने कानूनों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि वे उतने व्यापक नहीं हैं जितने होने चाहिए. बलात्कार और मोलेस्टेशन को हमारा कानून जिस तरह परिभाषित करता है उसमें नारी को जैसा न्याय मिलना चाहिए, नहीं मिल पाता.

उमा जी ने इस बात पर जोर दिया कि स्त्रियों की सुरक्षा और स्वतंत्रता पर बात करने वाले, उनका समाधान
ढूंढने वाले स्त्री संगठनों की अपरिहार्यता पर पुनर्विचार करना जरूरी है. संगठन हैं, लेकिन उन तक पहुँचने की
जागरूकता का अभाव है.जिस उद्देश्य से स्त्रियों के लिए संगठन बनाये गएँ हैं उसके लिए वो ईमानदारी से प्रयास कर रहें हैं या नहीं
 .
     
घर, बाहर और 
राजनीति के क्षेत्र में हर जगह स्त्रियों का उत्पीड़न हो रहा है.. स्त्रियों के साथ हो रहे
अपराधों को रोकने के लिए 'मशाल' जैसे आयोजन के माध्यम से विरोध प्रदर्शन बहुत जरुरी है, स्त्रियों के

 हित में आगे भी  ऐसे आयोजन होते रहने चाहिए.





1 comments:

  1. उमा जी ने स्त्री विमर्श से जुडी कुछ बहुत जरूरी और तथ्यजनित बातों को रेंखांकित किया, जिनका जानना हमारे लिए जरूरी है.....

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