"इन्द्रधनुष और बच्चे"
दिनांक १४/८/२०१२ को फर्गुदिया समूह द्वारा कला और लेखन प्रतियोगिता का थाना कीर्ति नगर नयी दिल्ली में आयोजन किया गया | प्रतियोगिता में सर्वोदय विद्यालय मानसरोवर गार्डेन के करीब पैंतीस बच्चों ने भाग लिया | स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित इस कार्यक्रम में बच्चों को किसी विषय विशेष की सीमा में न बांधकर अपनी अभिरुचि के अनुरूप स्वतंत्र रूप से कला चित्रण के लिए प्रेरित किया गया | प्रतिभागियों में से अधिकांश ने प्रकृति व अपने आस-पास की घटनाओं का चित्रण किया तथा अपने चित्रण से सम्बंधित प्रभावशाली पंक्तियाँ भी लिखीं | कार्यक्रम का मुख उद्देश्य कला और लेखन से जुड़ी छिपी हुई प्रतिभा को बाहर लाना था , हमने जितनी उम्मीद की थी उससे भी कहीं ज्यादा होनहारी का परिचय देते हुए बच्चों ने बहुत ही अच्छी चित्रकारी की ,अधिकतर बच्चों ने कला और लेखन के माध्यम से पर्यावरण की रक्षा का नेक सन्देश दिया , कुछ ने वर्गों में विभाजित असमानता को अपनी कला के माध्यम से व्यंग के रूप में चित्रित किया , बालमन से निकली अद्भुत चित्रकारी ने सभी का मन मोह लिया , तीसरी कक्षा की एक प्यारी सी नन्ही परी जिसका नाम "चाँद" था कार्यक्रम का आकर्षण बनी रही | चाँद को उनकी सुन्दर चित्रकारी के लिएप्रोत्साहन पुरस्कार भी दिया गया |
कार्यक्रम में उपस्थित चंद्रकांता ,आनंद जी , निरुपमा जी लगातार बच्चों को प्रोत्साहित करते रहे ,वंदना ग्रोवर जी और भरत जी ने जिस तरह से पूरे कार्यक्रम को संचालित किया और पैंतीस बच्चों में से पाँच प्रतिभागियों के चयन के लिए निर्णायक मंडली का गठन किया उनकी रचनात्मक क्षमता और उससे जुड़े अनुभव तारीफ के काबिल हैं, श्री अनिल कुमार जायसवाल जी ने निर्णायक मंडली में मुख्य भूमिका निभाई , सर्वश्रेष्ठ छः प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी उन्होंने ही किया | उन्होंने बहुत से बच्चों को बाल्पत्रिका नंदन उपहार स्वरुप भेंट की | स्वर्णकांता , रितुपर्णा , श्रीमती मंजू दीक्षित , श्री महेश दीक्षित जी ने कार्यक्रम में न सिर्फ अपनी गरिमामय उपस्थिति दर्ज कराई कार्यक्रम में भरपूर सहयोग भी दिया | ज्योत्सना तिवारी , अरुशी तिवारी और प्रगति मिश्रा ने " इन्द्रधनुष" के रंगों को और भी ज्यादा रंगीन कर दिया |
करीब दो घंटे तक चली इस अनोखी प्रतियोगिता के ख़त्म होने के बाद प्रतिभागी बच्चों के साथ कार्यक्रम में उपस्थित सभी मित्रों ने कुछ खुशनुमा पल बिताये , कुछ देर के लिए हम सभी भूल गए की हमारी उम्र क्या है , उन मासूमों के साथ हँसते खिलखिलाते हम सभी को यूँ लगा कि मानों हम भी अपने बचपन में पहुँच गएँ हों |
निर्णायक मंडल में सम्मिलित श्रीमती वंदना ग्रोवर, श्री अनिल कुमार जायसवाल ( बाल पत्रिका नंदन के मुख्या कापी संपादक ), श्री भरत तिवारी, श्री आनंद द्विवेदी ,श्रीमती निरुपमा सिंह व श्रीमती स्वर्णकांता ने सर्वसम्मति से छः प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया , जिनके नाम हैं ..
सूरज कुमार - प्रथम पुरस्कारचंचल सिंह - द्वितीय पुरस्कारबिट्टू - तृतीय पुरस्कार चाँद , चन्द्र प्रकाश और अंकित को सांत्वना व् प्रोत्साहन पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया |
कार्यक्रम में कीर्ति नगर थानाध्यक्ष की विशेष सहभागिता के लिए उनका बहुत धन्यवाद !
दिनांक १४/८/२०१२ को फर्गुदिया समूह द्वारा कला और लेखन प्रतियोगिता का थाना कीर्ति नगर नयी दिल्ली में आयोजन किया गया | प्रतियोगिता में सर्वोदय विद्यालय मानसरोवर गार्डेन के करीब पैंतीस बच्चों ने भाग लिया | स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित इस कार्यक्रम में बच्चों को किसी विषय विशेष की सीमा में न बांधकर अपनी अभिरुचि के अनुरूप स्वतंत्र रूप से कला चित्रण के लिए प्रेरित किया गया | प्रतिभागियों में से अधिकांश ने प्रकृति व अपने आस-पास की घटनाओं का चित्रण किया तथा अपने चित्रण से सम्बंधित प्रभावशाली पंक्तियाँ भी लिखीं | कार्यक्रम का मुख उद्देश्य कला और लेखन से जुड़ी छिपी हुई प्रतिभा को बाहर लाना था , हमने जितनी उम्मीद की थी उससे भी कहीं ज्यादा होनहारी का परिचय देते हुए बच्चों ने बहुत ही अच्छी चित्रकारी की ,अधिकतर बच्चों ने कला और लेखन के माध्यम से पर्यावरण की रक्षा का नेक सन्देश दिया , कुछ ने वर्गों में विभाजित असमानता को अपनी कला के माध्यम से व्यंग के रूप में चित्रित किया , बालमन से निकली अद्भुत चित्रकारी ने सभी का मन मोह लिया , तीसरी कक्षा की एक प्यारी सी नन्ही परी जिसका नाम "चाँद" था कार्यक्रम का आकर्षण बनी रही | चाँद को उनकी सुन्दर चित्रकारी के लिएप्रोत्साहन पुरस्कार भी दिया गया |
कार्यक्रम में उपस्थित चंद्रकांता ,आनंद जी , निरुपमा जी लगातार बच्चों को प्रोत्साहित करते रहे ,वंदना ग्रोवर जी और भरत जी ने जिस तरह से पूरे कार्यक्रम को संचालित किया और पैंतीस बच्चों में से पाँच प्रतिभागियों के चयन के लिए निर्णायक मंडली का गठन किया उनकी रचनात्मक क्षमता और उससे जुड़े अनुभव तारीफ के काबिल हैं, श्री अनिल कुमार जायसवाल जी ने निर्णायक मंडली में मुख्य भूमिका निभाई , सर्वश्रेष्ठ छः प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी उन्होंने ही किया | उन्होंने बहुत से बच्चों को बाल्पत्रिका नंदन उपहार स्वरुप भेंट की | स्वर्णकांता , रितुपर्णा , श्रीमती मंजू दीक्षित , श्री महेश दीक्षित जी ने कार्यक्रम में न सिर्फ अपनी गरिमामय उपस्थिति दर्ज कराई कार्यक्रम में भरपूर सहयोग भी दिया | ज्योत्सना तिवारी , अरुशी तिवारी और प्रगति मिश्रा ने " इन्द्रधनुष" के रंगों को और भी ज्यादा रंगीन कर दिया |
करीब दो घंटे तक चली इस अनोखी प्रतियोगिता के ख़त्म होने के बाद प्रतिभागी बच्चों के साथ कार्यक्रम में उपस्थित सभी मित्रों ने कुछ खुशनुमा पल बिताये , कुछ देर के लिए हम सभी भूल गए की हमारी उम्र क्या है , उन मासूमों के साथ हँसते खिलखिलाते हम सभी को यूँ लगा कि मानों हम भी अपने बचपन में पहुँच गएँ हों |
निर्णायक मंडल में सम्मिलित श्रीमती वंदना ग्रोवर, श्री अनिल कुमार जायसवाल ( बाल पत्रिका नंदन के मुख्या कापी संपादक ), श्री भरत तिवारी, श्री आनंद द्विवेदी ,श्रीमती निरुपमा सिंह व श्रीमती स्वर्णकांता ने सर्वसम्मति से छः प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया , जिनके नाम हैं ..
सूरज कुमार - प्रथम पुरस्कारचंचल सिंह - द्वितीय पुरस्कारबिट्टू - तृतीय पुरस्कार चाँद , चन्द्र प्रकाश और अंकित को सांत्वना व् प्रोत्साहन पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया |
कार्यक्रम में कीर्ति नगर थानाध्यक्ष की विशेष सहभागिता के लिए उनका बहुत धन्यवाद !
शोभा मिश्रा
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