Thursday, November 29, 2012 को shobha mishra द्वारा प्रकाशित3 comments
घर और परिवार जैसी सुरक्षित संस्था में भी स्त्री का जीवन घुटकर रह जाता है ..
एक स्त्री का जीवन कहाँ सुरक्षित है .. ? रिश्तों के बीच अकेलेपन की कहानी
- बदलती सरगम
कहानी
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Tuesday, November 27, 2012 को shobha mishra द्वारा प्रकाशित10 comments
वर्तमान समय की रेखांकित कवयित्री हेमा दीक्षित की कविताओं में स्त्री
जीवन से जुड़े यथार्थ को बहुत सहजता से व्यक्त किया गया है, पुरुष प्रधान
विचारों वाले समाज का अभिन्न अंग होते हुए भी स्त्री आज भी उपेक्षित है,
हेमा दीक्षित की...
Sunday, November 25, 2012 को shobha mishra द्वारा प्रकाशित3 comments
हाल के वर्षों में हिन्दी कथा साहित्य को समृद्ध करने वालों में जयश्री राय एक जाना पहचाना है। गोवा विश्वविद्यालय से अध्ययन एवं कुछ वर्षों तक अध्यापन करने के बाद वह वर्तमान में स्वतंत्र लेखन कर रहीं हैं । बतौर अभिनेत्री उन्होने कुछ बांग्ला फिल्मों में...
Thursday, November 22, 2012 को shobha mishra द्वारा प्रकाशित5 comments
कवयित्री रूपा सिंह की मुखर कविताएँ, स्त्री पक्ष को बहुत ही सहजता और
आत्मविश्वास से रखती हैं, पहली बार आपके लिए प्रस्तुत है 'फर्गुदिया' पर
रूपा सिंह जी की कविताएँ ..
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