Thursday, May 31, 2012

सईद अयूब द्वारा कार्यक्रम की रिपोर्ट



कल का कार्यक्रम कुछ विशेष था. 'फरागुदिया के नाम-एक शाम' कहने के लिए 'फरगुदिया' के नाम पर एक कविता पाठ का कार्यक्रम था. लेकिन कविताओं के अलावा वहाँ बहुत कुछ और भी था जिसने उपस्थित श्रोताओं के मन को छुआ. सबसे पहले दीप-प्रज्वलन एक ऐसी महिला से जिनका ज़िक्र हाशिए में भी नहीं होता. घरों में काम-काज कर अपने सात बच्चों के परिवार का पालन-पोषण और अपनी बच्चियों को अच्छी शिक्षा देने का सपना रखने वाली विधवा अनारा देवी ने कार्यक्रम अध्यक्षा सविता सिंह जी और मुख्य अतिथि सुमन केशरी जी के साथ दीप प्रज्वलन किया...कैसर जैसी घातक बीमारी को अपनी जिजीविषा से परास्त कर बहुत सारे लोगों के लिए उम्मीद की किरण बनीं मंजु दीक्षित जी का सम्मान.

वरिष्ठ कवयित्रियों सविता सिंह, सुमन केशरी, स्नेह सुधा नवल के साथ साथ लीना मलहोत्रा विपिन चौधरी, सोनरूपा विशाल, रश्मि भारद्वाज, निरुपमा सिंह, स्वाती ठाकुर की सुंदर, प्रेरणादायक कविताएँ... अंजू शर्मा ने गला खराब होने के कारण कविता पाठ नहीं किया. शुरुआत में मंच संचालिका रश्मि भारद्वाज के आग्रह पर फरगुदिया के बारे में बताते हुए और आगंतुकों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम आयोजक शोभा मिश्रा जी ने भी अपनी एक कविता का पाठ किया.

और प्रोफ. हरीश नवल और वरिष्ठ कवि व आलोचक नंद भारद्वाज जी के प्रेरणादायी वक्तव्य. कार्यक्रम में प्रोफ़. पुरुषोत्तम अग्रवाल जैसे व्यक्तित्व की स्नेहिल, गरिमामय और प्रेरणादायी उपस्थिति...

श्रोताओं में मुकेश मानस, रवीन्द्र के दास, स्वतंत्र मिश्र, भरत तिवारी, सुबोध कुमार, रूपा सिंह, स्नेहा देसाई, धीरज कुमार, रोहित कुमार, नरेंद्र कुमार भारती, भास्कर ठाकुर आदि कवि-साहित्यकार मित्रों की उपस्थिति....

और कार्यक्रम आयोजक शोभा मिश्रा और उनके पति संजय मिश्रा जी का स्नेहिल, प्रेम में भीगा हुआ आतिथ्य और सुंदर आयोजन....

और अंत में इस कार्यक्रम को हर वर्ष करवाने, फरगुदिया के नाम पर ग्यारह हज़ार रूपये के एक पुरुस्कार की घोषणा और एक आपसी सहमति (जिसकी घोषणा कार्यक्रम में नहीं की गयी) कि हर वर्ष फरगुदिया की माँ को कुछ (कम से कम पाँच हज़ार रूपये) आर्थिक सहायता और यदि संभव हुआ तो कुछ गरीब, बेसहारा बच्चियों की पढ़ाई में यथासंभव मदद (आर्थिक या किसी और प्रकार की)...

'फरगुदिया के नाम-एक शाम' कार्यक्रम कुछ विशेष तो था ही.

अगले कार्यक्रम में आप सबसे इस मुहिम में जुड़ने और सहयोग करने की अपील.
 ·  · Monday at 6:08am · 

  • 50 of 64

    • Mohan Shrotriya इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन आयोजकों के गहरे सामाजिक सरोकारों को दर्शाता है. बहुत बधाई तुम्हें, शोभा मिश्रा व अन्य मित्रों को.
      Monday at 7:15am ·  ·  2

    • Saroj Singh बहुत प्रसन्नता हुई कार्यक्रम की सफलता देख पढ़कर बहुत अच्छी रिपोर्ट ...आपकी !

      एक अच्छे सरोकार के लिए किया गया आयोजन सफल रहे इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है अगले वर्ष इस कार्यक्रम में उपस्थित होने का पूर्ण प्रयास रहेगा मेरा !!एकबार फिर से बधाई !!

      Monday at 7:39am ·  ·  4

    • Sushila Shivran बहुत अच्छा लगा इस नेक सोच, जो हकीकत का रूप ले चुकी है के विषय में जानकर। मेरा सहयोग है और मैं भी इस मुहिम से जुड़ने मे मुझे भी आत्मतुष्टि मिलेगी।
      Monday at 8:49am ·  ·  2

    • Sayeed Ayub Vandana GroverDheeraj, bahut bahut shurkriya! Aapke shabdon se hausla milta hai.
      Monday at 9:30am ·  ·  2

    • Sayeed Ayub Ismat Zaidi Shefa, Bahut bahut shukriya!
      Monday at 9:30am · 

    • Sayeed Ayub Mohan Shrotriya, सर, आपकी उपस्थिति आशीर्वाद के रूप में हमेशा और हर जगह बनी रहती हैं. आपके शब्द कितने प्रेरणादायी होते हैं, बताना असंभव है. बहुत बहुत आभार सर!
      Monday at 9:32am ·  ·  1

    • Sayeed Ayub Saroj Singh ji, आपकी शुभकामनाएँ जुड़ी हुई थीं इस कार्यक्रम से. कार्यक्रम सफल होना ही था. आप का सदैव स्वागत है. बहुत बहुत आभार!
      Monday at 9:34am · 

    • Sayeed Ayub Sushila Shivran ji, बहुत बहुत शुक्रिया! आपका स्वागत है. इस मुहिम से आपका जुड़ना हमें भी अच्छा लगेगा.
      Monday at 9:36am ·  ·  1

    • Kiran Arya सईद ख़ुशी हुई ये जानकार की कार्यक्रम कुछ विशेष रहा और सफल भी........अगली बार कोशिश होगी हमारी भी की इसका हिस्सा बन पाए........शुभं
      Monday at 9:46am ·  ·  1

    • Arun Chandra Roy aayojan achha tha.. kavitayen aur bhi achhi theen...
      Monday at 10:01am ·  ·  1

    • Sayeed Ayub Kiran Arya ji, बहुत बहुत शुक्रिया! आपका सदैव स्वागत और इंतेज़ार है.
      Monday at 10:02am ·  ·  1

    • Sayeed Ayub Arun bhai, aapse milna bhi bahut accha tha. :-), shukriya!

    • Arun Chandra Roy mujhe bhi aaplogon se milkar achha laga.. aapko apne prakashan se parichay n kara saka.. wo agli mulakat me
      Monday at 10:04am ·  ·  1

    • Sayeed Ayub दो-तीन और महत्वपूर्ण नाम छूट गए हैं ऊपर- Anand Dwivedi ji, Sahil Kumar ji aur Imtiyaz Azad ji! आप सबका शुक्रिया इस कार्यक्रम को सार्थकता प्रदान करने के लिए.
      Monday at 10:05am ·  ·  1

    • Sonroopa Vishal इतने अच्छे और सारगर्भित कार्यक्रम से मैं भी जुड़ पाई उसके लिए धन्यवाद शब्द थोड़ा छोटा है .......आयोजन के लिए बहुत बहुत बधाई !
      Monday at 10:54am ·  ·  2

    • Rashmi Bhardwaj bahut achhi aur santulit report..badhai...
      Monday at 11:16am ·  ·  2

    • Alka Srivastava ek sarahniya pryass .
      Monday at 11:34am ·  ·  1

    • Prem Chand Gandhi कविता की संवेदना को इस तरह जमीनी धरातल पर ले जाने के इस सद्प्रयास के लिए आपकी किस तरह सराहना की जाए, समझ नहीं आता... मेरी शाश्‍वत शुभकामनाएं।
      Monday at 11:57am ·  ·  1

    • Virender Bhatia sayeed sahab, miss kar gya prog, delhi mei tha, fir bhi rah gya
      Monday at 12:20pm ·  ·  1

    • Subodh Kumar एक अच्छी शुरुवात, शोभा जी को हार्दिक बधाई ,
      आइये मिलकर इसे और उचाइयों तक ले जाये........

      मै अकेला ही चला था ज़िंदगानी के सफर मे
      लोग मिलते गए काफिला बनता गया ।

      सईद भाई एक अच्छी रेपोर्टिंग, बहुत बधाई।

      Monday at 12:26pm ·  ·  2

    • Kuldeep Anjum बस इत्तिला दे दीजियेगा सईद भाई ....जो कुछ भी सहयोग बन पड़ेगा हाज़िर रहेंगे.....और इस शाम की अहमियत वाकई इसके नेक उद्देश्य से और बढ़ जाती है !!
      Monday at 2:06pm ·  ·  2

    • Nand Bhardwaj इस कार्यक्रम में शामिल होना मुझे बेहद सुखद लगा। जैसा रिपोर्ट में सईद ने कहा भी इस कार्यक्रम में वाकई ऐसा बहुत कुछ तो जिसने लोगों के मन को छुआ। मैं संयोगवश ही दिल्‍ली गया था, और शोभाजी ने आग्रह किया तो उत्‍सुकतावश चला गया, कार्यक्रम में शामिल होने के बाद सचमुच लगा कि अगर न गया होता तो एक बेहतरीन अनुभव से वंचित रह जाता। शोभाजी और उनकी पूरी टीम को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।
      Monday at 2:44pm ·  ·  5

    • सुनीता सनाढ्य पाण्डेय bahut bahut Badhaai....Sayeed Ayub ji aapko bhi aur Shobha ko ek baar fir se dher saaari badhai....hopefully agli baar mujhe bhi yah kaarykram attend karne ka saubhaagya mile.....main kis prakaar sahayataa kar sakti hoon is nek uddeshya me kripayaa batayen.....
      Monday at 2:49pm ·  ·  2

    • Shobha Mishra Nand ji , Sir karyakram me aapki Garimamay upasthiti se main Abhibhut hoon !! aapke prernadayak vaktavya se mujhe aur sabhi ko bahut kuchh seekhne ko mila ... Aapka Hardik Aabhaar Sir !!
      Monday at 2:58pm ·  ·  3

    • Shobha Mishra Shukriya सुनीता ji , aap is nek uddeshya me humare saath judna chahtin hain .. ye humare liye bahut khushi ki baat hai ..:) kuchh dino me aapko Sayeed ya mere dwara is uddeshya se judi saari jaankaari mil jaayegi ..:)
      Monday at 3:02pm ·  ·  2

    • Sayeed Ayub Arun Chandra Roy bhai, lagta hai agli mulaaqat jald hi hogi. :-)
      Monday at 5:29pm ·  ·  1

    • Rituparna Mudra Rakshasa karyakram mein shamil na ho pane ke afsos ko aap ki iss jeewant report ne kuchh kam kiya hai... hardik shubh kamnayein... Sayeed Ayub ji
      Monday at 7:33pm ·  ·  1

    • Gita Pandit एक बार फिर बधाई .... काश! मैं भी शामिल हो पाती वैसे मन से मैं वहीं थी सईद भाई ..
      Tuesday at 2:49am ·  ·  1

    • Sayeed Ayub Sonroopa Vishal, आपसे मिलना और आपको सुनना सचमुच एक सहेज कर रखने लायक अनुभव था. आपकी सुरीली आवाज़ का जादू अभी तक ताज़ा है. आशा है जल्द ही कहीं और आपको सुनने का अवसर मिलेगा.
      Tuesday at 3:17am ·  ·  1

    • Sayeed Ayub Rashmi Bhardwaj, Bahut bahut shukriya!

    • Sayeed Ayub Alka Srivastava ji, bahut bahut shukriya!
      Tuesday at 3:18am ·  ·  1

    • Sayeed Ayub Prem भाई, आपकी इस प्रकार की तारीफ़ और शुभकामनाओं के बदले किस तरह से आभार व्यक्त करूँ, समझ में नहीं आता. आप जैसे लोगों की शुभकामनाओं और सदेच्छाओं से ही यह कार्यक्रम सफल हुआ. बहुत बहुत आभार!

    • Sayeed Ayub Virender Bhatia ji, koi baat nahi, agli baar :-)

    • Sayeed Ayub Subodh bhai, आप तो क़दम क़दम पर मेरे साथ हैं. आप जैसा दोस्त पाना सचमुच खुशनसीबी की बात है. बहुत बहुत शुक्रिया. उम्मीद है कि जल्द ही मिलेंगे!

    • Sayeed Ayub Kuldeep, तुम्हारे जैसे दोस्तों के सहयोग की हमेशा आवश्यकता रहेगी. मैं अवश्य सूचित करूँगा. शोभा दी ने जो शुरुआत की है उसे एक कविता पाठ तक सीमित नहीं करना है. बहुत आगे ले जाना है और बिना दोस्तों के सहयोग के यह काम असंभव है. बहुत बहुत शुक्रिया ऑफर के लिए!
      Tuesday at 3:27am ·  ·  1

    • Sayeed Ayub Nand Bhardwaj, सर, आपकी उपस्थिति ने कार्यक्रम को जो गरिमा प्रदान किया और आपके वक्तव्य ने हमें जो प्रेरणा दी, उसके लिए हम मन से आपके आभारी हैं. दिल्ली की इतनी व्यस्त यात्रा के बावजूद आप न केवल कार्यक्रम में आये बल्कि समय से पहले पहुँच कर अंत तक आप वहाँ रहे, कवयित्रियों और हम सबका उत्तसाह बढ़ाया, यह सब सच में हम सबको बहुत गहरे से छू रहा था. बहुत बहुत आभार सर!
      Tuesday at 3:31am ·  ·  1

    • Sayeed Ayub Sunita ji, bahut bahut shukriya. Aapka intezar kai sadiyon se hai. Aasha hai kisi n kisi kaarykram men aap se jald mulaqat hogi. SAHYOG ke offer ke liye bahut bahut shukriya! Hamen aap sabke sahyog ki lagatar aavashykata padegi. Ham iske baare men samay samy par aapko preshan karte rahenge. :-) (Kya aajkal aap Jaipur men hain?)
      Tuesday at 3:35am ·  ·  1

    • Sayeed Ayub Rituparna ji, Par hamara afsos ab tak qayem hai ki aap se ab tak mulaaqat na ho saki. Ummeed hai yah afsos jald hi door hoga. Bahut bahut shukriya!
      Tuesday at 3:37am ·  ·  1

    • Sayeed Ayub Gita di, हम आपके मन को वहाँ मंडराते हुए देख रहे थे इसलिए आपकी अनुपस्थिति को लेकर कोई शिकायत नहीं है. :-), हाँ अफ़सोस ज़रूर है. अगर आप वहाँ होती तो महफ़िल का रंग कुछ और निखरता. बहरहाल, जल्द ही कहीं और...किसी और कार्यक्रम में...आशा है आप पूरी तरह स्वस्थ हैं. बहुत बहुत शुक्रिया बधाई के लिए.
      Tuesday at 3:40am ·  ·  1

    • सुनीता सनाढ्य पाण्डेय Sayeed Ayub जी....शुक्रिया...पर मैं ऐसी कोई हस्ती नहीं जिसका इंतज़ार सदियों से किया जाये.....:)....आपके जयपुर वाले कार्यक्रम का क्या हुआ....मैं तो देखिये उसके लिए परदेस छोड़ कर देस मे आ गयी हूँ....:))
      Tuesday at 6:15am ·  ·  1

    • Sahil Kumar एक बहुत ही अच्छी और सुलझी हुई रिपोर्ट सईद भाई द्वारा प्रस्तुत की गई है | आयोजन की सफलता के लिए सईद भाई, शोभा मिश्रा जी व संजय मिश्रा जी को ढेरों शुभकामनाएं | मुख्य अतिथि सुमन केसरी जी की उपस्तिथि, सविता सिंह जी की अध्यक्षता और रश्मि भरद्वाज जी के सफल संचालन में आयोजित इस आयोजन में बड़े नामों की उपस्तिथि, जैसा की सईद भाई ने बताया है, इस आयोजन की सफलता को बयां करती है | आयोजन में आमंत्रित सभी कवियत्रियों की बहुत ही उम्दा और बेहतरीन रचनाओं को सुनने का अवसर मिला | जो घोषणाएं सईद भाई ने की हैं वो भी काबिल-ऐ-तारीफ़ हैं |

      एक बहुत ही सफल आयोजन " फरगुदिया के नाम-एक शाम " | फरगुदिया सिर्फ एक नाम ही नहीं है, एक एहसास है उस पीड़ा का जो वहशी दरिंदों के द्वारा मासूम बच्चियों को मिलती है | इन दरिंदों के खिलाफ एक आवाज बनकर उभरता नाम है " फरगुदिया " | ये आवाज अब बंद नहीं होनी चाहिए और इन दरिंदों के खिलाफ ये जंग जारी रहनी चाहिए | एक बात मन में आ रही है की जब भी ऐसा आयोजन हो तो वो खुले मैदान में हो व ऐसी जगह हो जहाँ आने जाने वाला हर आम इंसान इस आवाज के साथ जुड़ सके और ये आवाज सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में परचम बनके लहराए व इन दरिंदों के खिलाफ ऐसा क़ानून बनाने में सहायक हो सके कि फिर कभी ये लोग ऐसा कदम उठाने की सोच भी ना सकें |

      Tuesday at 2:15pm ·  ·  1

    • Vipul Sharma ‎'फरगुदिया के नाम-एक शाम' कार्यक्रम को हर वर्ष करवाने, फरगुदिया के नाम पर ग्यारह हज़ार रूपये के एक पुरुस्कार की घोषणा और हर वर्ष फरगुदिया की माँ को कुछ (कम से कम पाँच हज़ार रूपये) आर्थिक सहायता और यदि संभव हुआ तो कुछ गरीब, बेसहारा बच्चियों की पढ़ाई में यथासंभव मदद (आर्थिक या किसी और प्रकार की)... इस नेक कार्य के लिए और सार्थक कार्यक्र्म के लिए शोभाजी, सईद भाई, और सभी उपस्थित गुणीजनो, को हार्दिक बधाई। इस कार्यक्रम के भविष्य मे भी सार्थक होने के लिए शुभकामनायें। समाज मे कुछ भी अच्छा करना यही सब कार्यक्रम की सम्पूर्ण सफलता को दर्शाता है। सभी उपस्थित मित्रों को सामाजिक सरोकार के निहित कार्यक्रम से जुडने के लिए बधाई और शुभकामनायें।।
      Yesterday at 1:06am ·  ·  2

    • Sayeed Ayub Sunita ji, जानकर सचमुच बहुत खुश हूँ कि मेरे कार्यक्रम में इतनी कशिश और ताक़त है कि वह लोगों को परदेस से अपने देश वापस खींच लाता है. शुक्रिया इस देश में वापस आने के लिए. :-), अगला 'खुले में रचना' जयपुर में ही है. १६ जून को. विस्तार से ५ जून तक सूचना पहुँच जायेगी. इस बार हिंदी की आनलाइन पत्रिकाओं और ब्लाग्स पर. कई लोग दूसरे शहरों से भी आ रहे हैं. और १७ जून को कुछ जयपुर के और कुछ बाहर के कवियों को मिलाकर एक अनौपचारिक कवि-गोष्ठी करने का इरादा भी है. वैसे मैं तो १ जून को ही जयपुर पहुँच जाऊँगा.
      Yesterday at 3:23am ·  ·  1

    • Sayeed Ayub Sahil भाई, बहुत बहुत शुक्रिया. आपके शब्दों को मैं कभी अपने वाल पर कापी-पेस्ट करूँगा. आपने जो सुझाव दिया है वह काबिल-ए-गौर है पर जब आयोजन हो रहे होते हैं तो बहुत कुछ ध्यान रखना पड़ता है. पैसा उसमें से एक चीज़ तो है ही, यह भी ध्यान रखना पड़ता है कि कोई असमाजिक तत्व या कोई ऐसा न आ जाए जिसके कारण पूरा कार्यक्रम ही ख़राब हो जाए.

    • सुनीता सनाढ्य पाण्डेय WOW !!!....बहुत अच्छा लगा जानकर...मेरे शहर मे आप सभी का बहुत बहुत स्वागत है...मेरे लायक कोई भी सेवा हो तो प्लीज़ निःसंकोच बताइएगा....
      Yesterday at 3:26am ·  ·  1

    • Sayeed Ayub Vipul भाई, आपने अपने न आ पाने की कमी आज पूरी कर दी. आपकी तारीफ़ के लिए और और आपकी शुभकामनाओं के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!

    • Sayeed Ayub ज़रूर सुनीता जी. मैं 'नेकी और पूछ-पूछ' में यकीन नहीं करता इसलिए जिसक भी परेशान करने का मन होता है तुरंत, बिना किसी झिझक के कर देता हूँ. :-)
      Yesterday at 3:30am ·  ·  1

    • सुनीता सनाढ्य पाण्डेय बिलकुल...हक़ से कीजिये.....:)
      Yesterday at 3:32am ·  ·  1

    • Sayeed Ayub ‎:-)
      Yesterday at 3:32am ·  ·  1

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