Thursday, May 31, 2012 को shobha mishra द्वारा प्रकाशित1 comment
ये शाम सिर्फ एक शाम नहीं थी - एक आगाज़ था, जिसकी गूंज को बहुत दूर तक जाना है ..... शोभा जी को इस साहसिक कदम के लिये धन्यवाद, इस वादे के साथ कि मैं इस कार्य में सदैव साथ हूँ .....
हार्दिक बधाई शोभा सखी .....इस मुहीम को बहुत आगे बदन है .....इश्वर आप को सफलता दे .....सारा देखा ....बहुत ही अच्छा लगा ....अफ़सोस हुआ कि मै वहाँ क्यों नहीं थी ......
हार्दिक बधाई शोभा सखी .....इस मुहीम को बहुत आगे बदन है .....इश्वर आप को सफलता दे .....सारा देखा ....बहुत ही अच्छा लगा ....अफ़सोस हुआ कि मै वहाँ क्यों नहीं थी ......
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