अभी अभी लौटा हूँ, 'फरगुदिया के नाम एक शाम' कार्यक्रम से। सविता सिंह, सुमन केशरी, अंजु शर्मा, लीना मल्होत्रा, निरुपमा सिंह, विपिन चौधरी, स्नेह सुधा नवल, सोन रूपा विशाल, स्वाति ठाकुर की कविताएं, रश्मि भारद्वाज का संचालन (और काव्य-पाठ भी).... सार्थक काव्यानुभव था यह
श्री नंद भारद्वाज और श्री हरीश नवल से भेंट भी हुई।
फरगुदिया की स्मृति में कार्यक्रम हर साल होगा और फरगुदिया पुरस्कार भी दिया जाएगा---यह सुखद घोषणा की गयी।
बधाई नहीं, धन्यवाद...शोभा और संजय मिश्र को, सईद अयूब को...ऐसा कार्यक्रम करने और इसमें बुलाने के लिए।
श्री नंद भारद्वाज और श्री हरीश नवल से भेंट भी हुई।
फरगुदिया की स्मृति में कार्यक्रम हर साल होगा और फरगुदिया पुरस्कार भी दिया जाएगा---यह सुखद घोषणा की गयी।
बधाई नहीं, धन्यवाद...शोभा और संजय मिश्र को, सईद अयूब को...ऐसा कार्यक्रम करने और इसमें बुलाने के लिए।
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