Friday, March 08, 2013

बेरंग जिंदगियों में रंग भरती 'फरगुदिया' - एक प्रयास

लक्ष्मी     


पिछले दिनों फरगुदिया समूह द्वारा आयोजित कार्यक्रम  ' इनकी भी सुनें ' में झुग्गी-बस्ती में रहने वाली कुछ महिलाओं ने अपनी समस्याओं को हमसे साझा किया, ज्यादातर घरों में काम करने वाली महिलाऐं अपनी आर्थिक स्थिति से परेशान थी , कुछ को  स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या थी.
 
         उन्ही में से एक महिला लक्ष्मी अपने दांतों की बीमारी से बहुत परेशान थी, उसके लगभग सभी दाँतों में इन्फेक्शन की वजह से दांतों की जड़ों  में पस पड़ चुका था, सामने के सारे दांत गल जाने  से लक्ष्मी ठीक से मुस्कराती भी नहीं थी.

       लक्ष्मी को जब हम डेंटिस्ट के पास  ले  गए  तो  डॉ  ने दांतों की बीमारी की वजह से शरीर  के दूसरे हिस्सों  में पड़ने  वाले  बुरे  प्रभाव  के बारे  में भी बताया, लक्ष्मी को तुरंत इलाज़ की जरुरत थी, फरगुदिया समूह के कुछ सदस्यों के सहयोग से लक्ष्मी के दाँतों का इलाज़ संभव हो सका.

     लक्ष्मी के रूट केनाल ट्रीटमेंट में लगभग दो महीने का समय लगा, इलाज़ के दौरान डॉक्टर्स के मित्रवत व्यवहार से लक्ष्मी को एक मोरल सपोर्ट भी मिला,  एक तरह से इलाज़ के साथ-साथ उसकी काउंसलिंग भी होती रही, उसको उसके  हाथों.. वस्त्रों  और शरीर की साफ़-सफाई के बारे में भी डॉ समझाते रहे.
     
   लक्ष्मी के दांत अब पूरी तरह से ठीक हैं, वो खुलकर मुस्कराती है, अब वो जब भी मिलती है उसमें एक अलग तरह का आत्मविश्वास नज़र आता है,    लक्ष्मी को बांगला  भाषा आती है, वो हिंदी भी सीखना चाहती   है .

    घर से कभी अकेली बाहर ना निकलने वाली लक्ष्मी ने इलाज़ के दौरान अकेले बाहर निकलना शुरू किया , एक दो दिन की हिचक के बाद वो बेहिचक अकेले हॉस्पिटल जाने लगी .

       इस सार्थक उद्देश्य में सहयोग करने के लिए वंदना ग्रोवर जी, चंद्रकांता, रश्मि भारद्वाज और निरुपमा जी का हार्दिक आभार !!


 एक कदम बढ़ाने की जरुरत है, बेरंग जिंदगियों में रंग भरते देर नहीं लगेगी .... 














  प्रस्तुति
फरगुदिया समूह 

2 comments:

  1. महिला दिवस पर मुस्कान देने से अच्छा भी कोई उपहार हो सकता है ?
    बधाई की पात्र तुम हो ..हमारा तो सिर्फ भावनात्मक संबल होता है ..फिर भी तुमने श्रेय दिया ..आभार कह कर मान कम नही करुँगी ...स्नेह बहुत बहुत !!

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