Thursday, December 26, 2013 को shobha mishra द्वारा प्रकाशितNo comments
इंदु सिंह--------------संवेदनशील कवयित्री इंदु सिंह की कवितायें सहज भाव से जीवन को प्रकृति से जोड़कर एक सकारात्मक रूप देती हैं, इंदु सिंह का पुनः स्वागत है फ़रगुदिया पर ...
1--छोटी सी लहर तालाब में उठी वो छोटी सी लहर चली जाती है बहुत...
Friday, December 13, 2013 को shobha mishra द्वारा प्रकाशित4 comments
विपिन चौधरी की कवितायें
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१. पिछला आँगन ---------------------घर के अगले आँगन मेंखुशियों की गुलदावदी खिला करती हैं तो पिछले आँगन में स्त्रियों के सुख-दुःख की सांझी परछाईंयां उतरती हैं तीन पीढ़ियों की स्त्रियां
इसी...
Wednesday, December 04, 2013 को shobha mishra द्वारा प्रकाशितNo comments
कहानी: पात्र -रमा भारती
"जिस तरह पहाड़ियों
और घाटियों से झरती नदी धरातल को स्पर्श करते ही धीरे-धीरे विस्तार लेने
लगती है.. उसका चंचल, कल-कल करता स्वर धैर्य से मौन धारण कर अविरल
प्रवाहित होता रहता है उसी तरह लेखन...
Saturday, November 30, 2013 को shobha mishra द्वारा प्रकाशित1 comment
रुदाली---------------इस आलीशान महल के भीतर,
इस काल कोठरी में जाने की इज़ाज़त,
तो मै कभी खुद को भी नहीं देती,
तो तुम्हें कैसे दे दूँ ??
बस साँझ ढले कोठरी की दहलीज़ पर,
यादों का दिया जला देती हूँ,
रात भर कोठरी की एक एक ईट,
का मौन टूटता है,
और दबे स्वर...
Friday, November 22, 2013 को shobha mishra द्वारा प्रकाशित4 comments
यशवंत यश
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"मैं यशवन्त यश संप्रति संघर्षरत एवं लिखने में रुचि रखता हूँ। जहाँ तक लिखने की बात है मैं 6 वर्ष की उम्र से लिख रहा हूँ.सब से पहली रचना कुछ बेतुकी 4-5 लाइनें थीं जो 28 अप्रैल 1990 को आगरा से प्रकाशित साप्ताहिक...
Thursday, November 21, 2013 को shobha mishra द्वारा प्रकाशित3 comments
"घर यूं तो एक छोटी सी स्पेस दिखाई देती है और घरेलू काम एक ऐसी जिम्मेदारी जिसका अहसानमंद घर का कोई सदस्य नहीं होता । अक्सर घर की चहारदीवारी के भीतर पलने पनपने वाले तनाव, घर के सभी सदस्यों की ज़रूरतों को समय पर पूरा करने का दायित्व-बोध एक कामकाजी महिला...