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मित्रों, ''यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता'' की अवधारणा वाले इस देश में नारियों के प्रति जिस प्रकार दिनोंदिन हिंसक और अश्लील वारदातें बढ़ रही हैं वह बेहद चिंतनीय बात है, आज स्त्री अस्मिता की यहाँ वहां जिस तरह भरे बाज़ार बेखौफ धज्जियां उड़ाईं जा रही हैं उसे देख... कर... किसी भी सच्चे भारतीय का सर शर्म में झुक ही जाएगा, इन जघन्य कांडों से गाँव, कस्बे, नगर, महानगर तो क्या राजधानी दिल्ली तक भी बची नही है, जिन्हें आकड़ों में बात सुनने की आदत हो उन्हें भी विदित हो कि देश भर में (गत वर्ष) 'इक्कीस हज़ार बलात्कार' के केस पुलिस थानों में दर्ज हुए और 'छतीस हज़ार पांच सौ छेड़छाड़' के मुक़दमे दर्ज किये गये ..आप समझ ही गये होंगे कि यह संख्या वास्तविक रूप में कितनी भयावह होगी..सामाजिक संकोच वश कितने ही परिवारी अपमानो के घूँट पीकर घरों में बैठ जाते हैं ..दिन प्रतिदिन ये दुर्घटनाएं बढती ही जा रही हैं. अपने समानता के अधिकार ,नागरिक सम्मान और सुरक्षा के लिए आप सब विमर्श के लिए आमंत्रित हैं. कविवर दिनकर कह भी गये हैं - समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याध जो तटस्थ हैं, समय लिखेगा उनका भी अपराध .. स्थान - इण्डिया गेट , दिल्ली दिनांक -२३-०७-२०१२ समय -अपराह्न -०५ :०० निवेदन - १-शोभा मिश्रा २-वंदना शर्मा ३ -आशुतोष कुमार ४- अंजू शर्मा ५-अपर्णा मनोज *विशेष सूचना :: स्थान परिवर्तन किया गया है. अब जंतर-मंतर की जगह ये इण्डिया गेट है. विमर्श के लिए आप सभी के साथ हिंदी के समकालीन कवि -कवयित्रियाँ अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे. आमंत्रित कवि :: अशोक वाजपेयी अनामिका सुमन केसरी अग्रवाल अरुण देव मनीषा कुलश्रेष्ठ वंदना शर्मा हिमांशु कुमार अंजू शर्मा उमा गुप्ता कविता कृष्णन भरत तिवारी अपर्णा मनोज Friends, Yatra naaryastu pujyante ramante tatra devataah “Where women are revered, there the Gods happily stay! “it is very disturbing when we see that the country where such was the level women were placed; is now seeing a tremendous increase in vulgar and heinous incidence on women. The way women's identity has been blown apart and even brazen is something that can hang any true Indian’s head in shame No place is spared from be it the villages, towns, cites or the National Capital; for those who want the statistics can note that last year the 21,000 cases of rape and 36,000 case of eve teasing were registered in police stations. And this indicates the how scary must be the actual number of these incidents. Social inhibition won’t let many families to report such cases; can you imagine the pain that such families must be going through. You as a responsible citizen are invited to discuss their right to equality, dignity and security. Samar shesh hai, Nahin paap ka bhagi keval Vyadh … (Not just criminal is responsible for crime. Time will speak for truth.) Jo tatsath hain, Samay likhega unka bhi Apradh … (Whoever is neutral, Time will decide his/her fate and role in Crime.) - Ramdhari Singh “Dinkar” Location - India Gate, New Delhi Date -23-07-2012 Time - 5:00 PM Request - 1 - Shobha Mishra 2 - Vandana Sharma 3 - Ashutosh Kumar 4 - Anju Sharma 5 - Aparna Manoj 6 - Advisor: Bharat Tiwari *Special Information:: location has been changed from Jantar Mantar to India Gate. To discuss these issues we will have the contemporary Hindi poets and poetess with us. Invited poets: Ashok Vajpeyi Anamika Suman Kesari Agarwal Arun Dev Manisha Kulshrestha Vandana Sharma Himanshu Kumar Anju Sharma Uma Gupta Kavita Krishnan Bharat Tiwari Aparna Manoj |
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