Saturday, March 09, 2019

हमारी साहित्यिक यात्रा- आत्मकथ्य

"उनके लिए कलम का साथ ख़ुद की आवाज़ सुनना है तो उनके लिए लिखना आस-पास की अच्छी- बुरी तमाम परिस्थितियों पर आवाज़ उठाना भी है. सामाजिक-पारिवारिक और स्वयं पर स्वयं ही लगाई गई उन बंदिशों से बाहर निकलने का माध्यम है जिनमें सदियों की घुटन है.. समाज में सुधार...

Friday, March 08, 2019

स्त्री मुक्ति के नए आयाम -अनामिका

"अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सुप्रसिद्ध कवयित्री अनामिका जी का पठनीय लेख !" स्त्री मुक्ति के नए आयाम------------------- स्त्री-मुक्ति के नए आयामों पर बात करते हुए मुझे सबसे पहले याद आती है मीरा की प्रेम बेल-'अंसुअन जल सींच-सींच प्रेम...

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