Thursday, October 24, 2013

'किताबें होती लड़की' - ऋतुपर्णा मुद्राराक्षस

. "कई लेख और समीक्षा स्तरीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित. कविताएँ लिखना मेरे लिए नितांत निजी अनुभवों को दोबारा जीने सरीखा है. घर के रोज़मर्रा के काम करते हुए किन क्षणों में कविता ज़हन में उतरती है, चाहूँ भी तो रेखांकित नहीं कर सकती. स्त्री-मन की स्वाभाविक...

Sunday, October 20, 2013

पिंजरे की तीलियों से बाहर आती मैना की कुहुक- सुधा अरोड़ा

चन्‍द्रकिरण सौनरेक्‍सा----------------------- पिंजरे की तीलियों से बाहर आती मैना की कुहुक------------------------------------------------ "आज गुजरे जमाने की लेखिका चन्‍द्रकिरण सौनरेक्‍सा के 93 वें जन्‍मदिवस पर उन्‍हें याद करने का मन है"...

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