Friday, April 19, 2013

मुझे परदे बहुत पसंद हैं - कुँवर रविन्द्र

कुँवर रविन्द्र    " कुँवर  रविन्द्र "      जी की अद्भुत चित्रकारी से सुसज्जित  धर्मयुग, हंस, कथादेश, कल के लिए, नवभारत टाईम्स के साथ देश की व्यावसायिक - अव्यवसायिक पत्र-पत्रिकाओं व प्रतिष्ठित साहित्यिक पुस्तकों...

Thursday, April 11, 2013

१८ प्रकार की जड़ता - विजय पुष्पम पाठक

जड़ता १८ प्रकार की होती है . १..    वह जड़ता जो रिश्तों में ठंडापन (कोल्द्नेस but not cool ) लाती है जो घटना चक्रों में अपने को आहत ,उत्साहित ,प्रेरित ,प्रभावित ,आकांक्षित अनुभव नहीं करते हैं ,वे या तो साधक हैं या गूंगे.२.. पौरुष हीन...

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