Wednesday, February 13, 2019

शिकार - प्रत्यक्षा

            "हमारी कल्पनाएँ,हमारे स्वप्न ,हमारा प्रेम ,हमारी सोच और हमारा जीवन सब कभी न कभी वास्तविक धरातल ढूँढते ही हैं । प्रत्यक्षा की कहानी "शिकार" ऐसे ही प्रेम को धरातल पर रखकर परखती है।...

Friday, February 01, 2019

नागरिक मूल्‍य अभिव्‍यक्ति को गतिशील करते हैं - कृष्‍णा सोबती

नागरिक मूल्‍य अभिव्‍यक्ति को गतिशील करते हैं - कृष्‍णा सोबती ----------------------------------------"वर्ष 2017 के 53वें ज्ञानपीठ सम्मान समारोह  से प्राप्त स्मारिका में कृष्णा सोबती जी का अभूतपूर्व वक्तव्य है. अपने वक्तव्य में उन्होंने...

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