Tuesday, October 04, 2016 को shobha mishra द्वारा प्रकाशित1 comment
कम
से कम एक दरवाज़ा( सुधा (अरोड़ा ) दीदी के कविता संग्रह "कम से कम एक दरवाज़ा " पर लिखने की कोशिश की है ! दीदी को जन्मदिन की अशेष शुभकामनाओं के साथ आप सभी से साझा कर रहीं हूँ )
संग्रह के शीर्षक...
Saturday, October 01, 2016 को shobha mishra द्वारा प्रकाशित8 comments
सूखी
जमीन पर जीवन के उल्लास की कहानी: 'पार्च्ड'
बीते
तकरीबन दस दिनों के भीतर दो बेहतरीन फिल्में देखना अपने आप में एक अच्छा अनुभव रहा..,
दोनों ही फिल्में स्त्री जीवन से जुड़ी हैं और मेरे दर्शक में भी मेरा स्त्री होना
शामिल...
Tuesday, September 20, 2016 को shobha mishra द्वारा प्रकाशित6 comments
जन्म से ही लड़कियों को ऐसे संस्कार, परम्पराओं में गढ़ा जाता है, जिसमें उन्हें कैसे चलना है, कैसे उठाना-बैठना है... कब, कहाँ, कैसे और कितना हँसना - बोलना है तथा घर से बाहर आने-जाने का समय क्या हो ये सब निर्धारित किया जाता है | इस...