Saturday, January 17, 2015 को shobha mishra द्वारा प्रकाशित8 comments
आराधना सिंह की कवितायें
_______________________
कुछ कविताओं पर नज़र पड़ते ही ऐसा अहसास होता है जैसे कोई नन्हा शिशु धीरे
से अपनी पलकें खोलकर दुनिया देखने की कोशिश कर रहा हो ... जैसे सावन की
पहली बारिश की सोंधी खुशबू आ रही हो ......