Sunday, June 29, 2014 को shobha mishra द्वारा प्रकाशितNo comments
“जूठन”- एक दलित की आत्म
व्यथा-कथा और सामजिक सारोकार
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बचपन
से ही यह सुनता आ रहा हूँ की साहित्य समाज का दर्पण है,यानी किसी समय के साहित्य
द्वारा किसी...
Tuesday, June 24, 2014 को shobha mishra द्वारा प्रकाशितNo comments
गंगा दशहरा,गाँव की यादें - सोनरूपा विशाल
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बुजुर्गों की दुआओं का जो हम पर शामियाना है
बहुत महफूज उसमें ज़िन्दगी का ताना - बाना है
ये बच्चे, ये मकाँ, ये मालो-दौलत सब हैं मुट्ठी...
Thursday, June 12, 2014 को shobha mishra द्वारा प्रकाशित2 comments
कहानी
मुक्ति -मन्नू भंडारी
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( फोटो : सुशील कृष्नेट )
.... और अंततः ब्रह्म मुहूर्त में बाबू ने अपनी आखिरी सांस ली. वैसे पिछले आठ-दस दिन से डाॅक्टर सक्सेना...