tag:blogger.com,1999:blog-8170812756091380286.post5220689241828939111..comments2023-10-09T16:45:57.355+05:30Comments on फरगुदिया : शेष अवाक है ! -रश्मि प्रभा shobha mishrahttp://www.blogger.com/profile/17523944890996754964noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-8170812756091380286.post-44776930765648650402013-11-16T11:17:52.834+05:302013-11-16T11:17:52.834+05:30तुम पर सूनामी की हल्की बूंद भी पड़े
तो मैं ज्वालाम...तुम पर सूनामी की हल्की बूंद भी पड़े <br />तो मैं ज्वालामुखी बन सकती हूँ <br />अपनी तपिश से एक एक बूंद सूखा सकती हूँ <br />नौ महीने का साथ <br />रक्त,धड़कन,भय,ख़ुशी .... का अद्भुत मिश्रण है <br />जो कहीं भी हो <br />समझता है अपने पौधे को <br />अपने वृक्ष को ....<br />... सभी रचनाएँ उत्कृष्ट, नि:शब्द करती पंक्तियां सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8170812756091380286.post-58998562038633806842013-11-15T22:11:47.335+05:302013-11-15T22:11:47.335+05:30सभी रचनायें एक से बढ़ कर एक ! एक एक शब्द मन और आत्म...सभी रचनायें एक से बढ़ कर एक ! एक एक शब्द मन और आत्मा को प्रभावित करता है और कुछ समय के लिये चेतना को स्तब्ध ज़रूर कर देता है लेकिन अगले ही पल उसे झकझोर कर जगा भी देता है ! इतनी सशक्त रचनाओं के लिये बधाई स्वीकार करें रश्मिप्रभा जी ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8170812756091380286.post-1724350848476512442013-11-15T17:42:01.069+05:302013-11-15T17:42:01.069+05:30सभी रचनाएं एक से बढ़कर एक
समाज को आइना दिखाती बढिय...सभी रचनाएं एक से बढ़कर एक<br />समाज को आइना दिखाती बढिया रचनाएं<br />बहुत सुंदरमहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8170812756091380286.post-78978468867590400682013-11-15T14:26:47.744+05:302013-11-15T14:26:47.744+05:30रश्मि दी की यही खासियत है हर रचना पूरा जैसे जीवन ह...रश्मि दी की यही खासियत है हर रचना पूरा जैसे जीवन हो …………बहुत ही गहन और उत्कृष्ट होती हैं ………आभार्।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.com